in , ,

हुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की

हुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की बना चुके तो लग गयी नजर ज़माने की उसी का क़र्ज़ हैं जो आज हैं आँखों में आंशू सजा मिली हैं हमें मुस्कुराने की .

महफ़िल,मुकाम,रास्ते और गम उदास हैं

Ujdi Hui Duniya Ko Tu Abad Na Kar