in हिन्दी शायरी अपना भी घर भूल गए 7 Views याद नहीं क्या क्या देखना था सारे मंज़र भूल गए उसकी गलियों से जब लौटे अपना भी घर भूल गए See more Previous article aasmaam se sitaare toot jaye Next article हुत तमन्ना थी, प्यार में आशियाना बनाने की