ये जो !! दीवाने से !! दो चार !! नजर आते है.
उनमे कुछ ! साहेबे’ अशरार, नजर ! आते है.
तेरी महेफिल का भरम रखते है, सो जाते है,
वरना !! ये लोग तो ! बे-दार नजर !! आते है.
दूर तक कोइ !!! सितारा है न कोई !!! जुगनू,
मर्ग -ए- उम्मीद के !! आसार’ नज़र आते है.
मेरे दामन मेंतो कांटो’के सिवा कुछ भी नहीं,
आप’ !! “फूलों” के “खरीदार” ‘नजर” आते है.
दूर तक छु नहीं शक्तिथी फरिस्तो’की नजर,
आज वो !!! ‘रोनक ए ‘बाझार’ नजर’ आते है.
हश्र में !! कौन !! गवाही’ मेरी देगा !!’सागर’!!,
सब !! तुम्हारे ही ! तरफ-दार ‘नज़र’ आते है.
in Hindi Shyari