खामोशी से रहना वर्दाश्त नहीं मुझे
मरूंगा तो भी सन्नाटा तोड़ जाऊंगा ,
शीशा हूँ टूटूंगा तो बिखरूंगा
जीता हूँ हनक के साथ,
टूटूंगा खनक के साथ
खनक के साथ खामियाजा छोड़ जाऊंगा”
in हिन्दी शायरी
खामोशी से रहना वर्दाश्त नहीं मुझे
मरूंगा तो भी सन्नाटा तोड़ जाऊंगा ,
शीशा हूँ टूटूंगा तो बिखरूंगा
जीता हूँ हनक के साथ,
टूटूंगा खनक के साथ
खनक के साथ खामियाजा छोड़ जाऊंगा”